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हमारा दम निकलता है,

किसी को क्या बताएं कब हमारा दम निकलता है , अगर उनको भुलाएं हम हमारा दम निकलता है॥ यह उनके रूप का जादू पिये बिन ही बहकते हम , नशा गर यह न पाएं हम हमारा दम निकलता है॥ ये आंखें बोलतीं उनकी , जुबां रस घोलती उनकी , अगर ये मौन हो जाएं हमारा दम निकलता है॥ घनेरी काली जुल्फ़ों संग नहीं है धूप की चिन्ता , घटा बन गर बरस जाएं हमारा दम निकलता है॥ ये मीठे से गिले - शिकवे बहुत नीके लगें मन को , मगर जब रूठ जाएं ये हमारा दम निकलता है॥ अदा प्यारी लगे उनकी इक सदा पर दौड़े आते है , सहारा गर न पाएं हम हमारा दम निकलता है॥ अंधेरे गहरे सागर में पुतलियां मीन सी तिरतीं , कहीं जब चांद न पाएं हमारा दम निकलता है ॥

तेरी रुसवाई

हम ने प्यार मैं पाया तो क्या पाया कभी खुद रो दिए कभी तुम को रुलाया हालत -ऐ -गम मैं बह गया जो आंसूं वो ज़िन्दगी मैं फिर कभी न बहने पाया सजा मुझे मिली और सजा उन्हें भी ऐसा भी क्या इन्साफ में है सर झुकाया हिम्मत नहीं थी उस मैं साथ मेरे देने की अब तक न जाने वो कैसे चल पाया.......

दोस्ती

दोस्ती पहली बारिश की बूंदों में है दोस्ती खिलते फूल की खुशबु में है दोस्ती उगते सूरज की किरणों में है दोस्ती हर नए रिश्ते की उम्मीद है दोस्ती ख्वाब है , दोस्ती जीत है दोस्ती प्यार है , दोस्ती गीत है दोस्ती दो जहाँ का संगीत है दोस्ती हर ख़ुशी , दोस्ती ज़िन्दगी है दोस्ती रौशनी , दोस्ती बंदगी है दोस्ती संग चलती हवाओं में है दोस्ती इन बरसती घटाओं में है दोस्ती दोस्तों की वफाओं में है हात उठा कर जो मांगी है दुआ , दोस्ती का असर इन दुआओं में है ...!!!!!

मैं ऐसा क्यों हूँ

क्यों खुश हो जाता हूँ मैं तुम्हारी ख़ुशी देखके क्यों हो जाता हूँ मैं हताश तुम्हें उदास देखके चहक सा उठता हूँ मैं क्यों जब मिलने की बारी आती हैं पर क्यों मिलने बाद घंटो नींद नहीं आती हैं आँखें बंद करने से क्यों याद तुम्हारी आती हैं पर जब खुलती हैं तोह क्यों फिर तू सामने आती हैं आंसू तेरे टपकते हैं तो मैं क्यों सिसकता हूँ जरा सी तू हस्ती हैं तोह मैं क्यों निखरता हूँ जब भी देखता हूँ तुम्हे बस यह सोचता हूँ पुछु तुमसे या तुमसे कहूँ रखूं दिल में ये बात या कह दूँ सुन जरा बस इतना बता मैं ऐसा क्यों हूँ मैं ऐसा क्यों हूँ …

मुझसे क्या चाहता है जमाना

लोग रूठ जाते हैं मुझसे और मुझे मनाना नहीं आता मैं चाहता हूँ क्या मुझे जताना नहीं आता आंसुओं को पीना पुरानी आदत है मुझे आंसू बहाना नहीं आता लोग कहते हैं मेरा दिल है पत्थर का इसलिए इसको पिघलाना नहीं आता अब क्या कहूं मैं क्या आता है, क्या नहीं आता बस मुझे मौसम की तरह बदलना नहीं आता

दोस्त और दोस्ती

खुदा से क्या मांगू तेरे वास्ते सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे आसमा हों या ज़मीन हर तरफ तेरा नाम हों महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो तेरी कोशिश को कामयाबी की आदत हो जाये सारा जग थम जाये तू जब भी जाये कभी कोई परेशानी तुझे न सताए रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये खुशियाँ तेरे दर से न जाये इक छोटी सी अर्जी है मान लेना हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना खुशियों में चाहे हम याद आए न आए पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे दोसती मरते दम तक निभाएंगे.....

मीठी बातें

उसकी बातें सुन कर मुझ को , वक़्त लगा कुछ ठहरा सा , लेकिन उन मीठी बातों मैं , प्यार छुपा था गहरा सा …. मैं भी हाथ थाम लेता उसका , लेकिन सांसों पर है पहरा सा , जो भी हो उन मीठी बातों मैं , प्यार छुपा था गहरा सा … रात मिला वोह सपनो मैं , कुछ परेशा , कुछ हैरान सा , कह के गया वो ऐसी बातें , जिनमे प्यार छुपा था गहरा सा … फूल खिल गए इस जीवन में, पहले था जो वीरान सा … ऐसी मीठी बातें थी वह , जिनमे प्यार छुपा था गहरा सा